बुधवार, 4 जुलाई 2012

kal sarp yog

श्रावण महिना में शुक्ल पंचमी को नाग पन्चमी मनाया जाता है इस दिन काल सर्प योग का सान्ती कारने का बिधान सास्त्रो में वरणन है ,काल सर्प योग मुख्यतः बारह प्रकार के होते है जिसका विभिन्न लग्नों पर अलग अलग प्रभाव परता है .कालसर्प योग जन्मकुंडली में उस स्तीथि में बनता है जब राहू -केतु के मध्य सारे ग्रह आ जाये अगर एक ग्रह इनकी परिधि से बाहर चला जाता है तो इसे अंसिक कालसर्प योग माना जाता है .कालसर्प का मुख राहु होता है / यदि कुण्डली में राहु बली हो तथा उस पर शुभ एवं योग कारक ग्रहों का प्रभाब हो .तो कालसर्प योग जातक को जीवन में एक बार सफलता के शिखर पर पहुचा देता है .फिर शिखर के नीचे गिरा देता है /उस व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी महत्वपूर्ण वस्तु का आभाव बना ही रहता है .चाहें वह व्यक्ति पूर्ब प्रधानमन्त्री श्री जवाहरलाल नेहरू हों अथवा इब्राहम लिंकन या जोर्ज बुश या फिर बिग बुल हर्षद मेहता / पंडित जवाहर लाल नेहरु 11 ग्यारह साल जेल में रहे .उनको पुत्र नहीं था .उनकी पत्नी 38 साल की अल्पायु में संसार से चली गयी / इब्राहम लिंकन के पास एक किताब खरीदने के पैसे नहीं थे .लेकिन वही अमेरिका जैसे देश के राष्ट्रपति वने ..लेकिन कम आयु में उन्हें गोली का शिकार होना परा / हर्षद मेहता एक साधारण कलर्क थे /वहुत कम समय में शेयर  मार्केट से वहुत पैसा कमा लिया और जब इनके घोटाले पकरे गए तो कम उम्र में अकाल मृत्यु को प्राप्त हुवे / वहुत सारे उदाहरण ऐसे है /काल का दूसरा नाम मृत्यु है सर्प का अर्थ आप सभी को मालूम ही है / कालसर्प योग वाले जातक का जीवन वहुत संघर्षमय रहता है /इछित वस्तु प्राप्त करने तथा प्रगति में बहुत रूकावटे आती है /कालसर्प योग मुख्यतः वाराह प्रकार के होते है  जिसका बिभिन्न लग्नों में अलग अलग प्रभाव परता है // जैसे 1,अनन्त 2.कुलिक 3,वासुकी 4,संखपाल 5,पदम् 6,महापद्म 7,तछक 8,कर्कोटक 9,संखनाद 10.पातक 11.विषाक्त 12,सेष नाग // काल सर्प योग निव्रीती के लिए जैसे नाग पंचमी या शिवरात्रि  शुभ मुहूर्त है //इसकी शांति करने से यह दोष शांत हो जाता है ///

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