शनिवार, 12 अप्रैल 2014

बृच्छ का बास्तु में महत्व

  1. बृच्छ का बास्तु में महत्व। पर्यावरण को ठीक रखने के लिए घर के आश पाश पेड़ पौधो का होना आवश्य्क है ,क्योकि पेड़ पौधे ध्रुबीय आकर्षण से प्रभाबित होकर हमारे पर्यावरण को। शुद्ध एवम परिष्कृत करते है। कौन सा पौधा हमारे जीवन के लिए उपयोगी है और कौन सा पौधा लगाने से बास्तु दोष ठीक किया जा सकता है इसकी जानकारी यहा दे रहा हु/  १.नीम= घर के बायव्य कोण में नीम के ब्रिछ का होना अति शुभ होता है। इश प्रकार जो व्यक्ति नीम के सात पेड़ लगाता है ,उसे मृत्युपरान्त शिब लोक की प्राप्ति होती है। २ = बिल्ब = बेल का वृछ का घर की सीमा में होना अति सुभ होता है। भगबान शिव जी का परम प्रिय बेल का वृछ ,और लछमी का निवाश बिल्ब वृछ जिश घर में होता है वहा धन सम्पदा की देवी लक्छमी पीढ़ियों तक बाश करती है। अन्य शुभ वृछ =घर की सीमा में अशोक , मौलश्री , शमी , चम्पा , अनार , सुपारी , कटहल , केतकी , मालती , कमल , चमेली , नारियल , केला आदि के वृछ होने से   घर में सुख़ शांति लक्छमी का निबास होता है।  कॅन्सर ,रक्त बिकार एवम ह्रद य रोग से सम्बंधित बीमारियो में कत्था ,अपामार्ग और बेल तुरत रहत देता है। अशुभ वृछ = जैसे -मेहदी , पलाश , बबूल अरंडी के पौधो को घर की सीमा के अंदर नहीं लगाना चाहिए ये पर्यावरण के दृश्टिकोण से भी अछा फल नहीं देते।  बबूल लगाने से घर में काफी क्लेश होता है। अरंडी के पौधो से कार्यो में रुकावट आती है। बास्तु शास्त्र में पपीता का वृछ का घर में होना अशुभ कहा गया है। पर ऐसी मान्यता है की जिसके घर के समीप स्वेतार्क का पौधा फलता फूलता है वहा सदैब बरकत बनी रहती है ,उस भूमि में गुप्त धन होता है। पण्डित पंकज मिश्र। कोलकाता। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें