हरेक धर्म का अपना एक नियम पद्धति मर्यादा होता है , जो बात हमें नहीं मालूम होता है उस बात को गुरु समझआते है। हरेक धर्म में धर्मगुरु होते है जो हमें अपने धर्म के बारे में बताते है। हमारा मार्गदर्शन करते है। हिन्दू धर्म में तो गुरु को भगवान से भी बड़ा बताया गया है / गुरु गोबिंद दोनों खरे कको लागु पाय , बलिहारी गुरु आपको गोबिंद दियो बताय। जब हमारे गुरु का निर्णय है तो साईं पूजा बंद होनी चाहिए और अगर बिबेक से बिचार करे तो ठीक ही तो कह रहे है स्वामी स्वरूपानंद। साई को फ़िल्म और सीरियल भगवन बना दिया। साई तो चाँद मोहमद खान जो मांस खता था। ओ हमारे देबता कैसे हो सकते है। सनातन धर्म बहुत बिरात है। नासमझ लोग ही साई को पूजते है संस्कारो के कमी के कारन ,ये भारत का इस्लामी कारन का सुन्योजित षड़यंत्र है।
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