नोट का भोट। हजार पाँच सो के नोट बंदी के बाद अब मोदी बिरोधी नया घिणौना खेल सुरु कर दिया है। मोदी बिरोधी नेता अपना कला धन अपने समर्थको को बाँट रहे है और नोट बदल कर लाने पर उनको कमीसन दे कर सारा काला धन को सफेद करने में लगे हैं। उनको ये नीर्देश दिया गया है की बैंको में जरुरत से ज्यादा भीड़ लगवाओ ,ताकि आम जनता बैंक के काउन्टर तक पहुँच ही न पाए , अब्यबस्था फैलाओ ,बैंक बाले काम ही नहीं कर पाये जनता परेशान हो जाये और मोदी के ईस फैसले का जनता वयापक स्तर पर बिरोध करे। इस तरह से ये नेता पचास दिनों में अपना सारा कला धन को अपने समर्थको को कुछ परसेंट कमिसन दे कर अपना सारा कला धन सफ़ेद कर लेंगे , आम जनता भूख से मोदी के बिरोध में सड़को पर उतर जाएगी। तब तक ये सारा धन सफ़ेद कर लेंगे। नोट भी इनका और भोट भी इनका। मोदी को इस घिणोनी चाल का काट निकालना परेगा। मैं खुद ये देख रहा हु , पिछले चार दिनों से जो बैंक में भीड़ भार था वो इलाके के आदमी थे। आज सुबह जब बैंक गया तो , सभी बैंको के सामने अचानक हजारो के संख्या में अनजान चेहरा गांव देहात से असमाजिक तत्व टाइप के चेहरे अव्यबस्था तोर फोर जैसा हरकत ताकि बैंक से आम जनता कोई काम न कर सके और लोग मोदी को गली दे। इस घटिया चाल का काट मोदी जी को निकालना पड़ेगा। बहुत सारे बांग्ला देसी मुस्लिम जो लेबर मजदुर का काम करते है , मजदूरी छोर कर बैंको में लाइन में मजदूरी से कई गुणा ज्यादा पैसा बना रहे हैं और आम जनता का सब्र का बांध टूट रहा है।
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