मंगलवार, 16 अगस्त 2016

अरबिंद केजरीवाल का जन्मकुंडली #Arvind_Kejriwal_janmkundali #Horoscope. by #pandit_pankaj_mishra_astrologer_kolkata.



अरबिंद केजरीवाल का जन्मकुंडली।  आज 16 . 08 . 2016 , अरविन्द केजरीवाल का जन्म दिन है , जन्मदिन की अरविन्द जी केजरीवाल को हार्दिक सुभकामना एबम बधाई। आज हम अरविन्द केजरीवाल के जन्मदिन पर उनके जन्मकुंडली के द्वारा जानने का कोशिश करेंगे की उनके सितारे क्या बोलते है। 
अरविन्द केजरीवाल का जन्म 16 . 08 . 1968 में 23 . 46 . 00 . बजे हिसार में हुआ।    बृष लगन और बृष राशि , , लग्न में चन्द्रमा उच्च का है , चंद्रमा मंशोजतः चंद्र मन का करक ग्रह मन को हमेशा अति गतिशिल और एक साथ  हजारो बिचार तरंग मन में चलते रहते है , इनके लिए  योग ध्यान करना परम आवश्यक है , चन्द्रमा जल तत्व ग्रह है ये लग्न और राशि का स्वामी हो कर लग्न में उच्च का बैठा है , इसी कारण से अरविन्द जी को हमेशा सर्दी खाँसी जुखाम लगा ही रहता है , इनके लग्न और राशि का स्वामी शुक्र चौथे भाव में बैठे है चौथा भाव जनता का स्थान होता है शुक्र के साथ बुध जो की बानी करक ग्रह बोलने की कला इन्हें जनता में बहुत जल्दी लोकप्रिय बना दिया।  अब बुध शुक्र के साथ सूर्य और बृहस्पति भी है , सूर्य जनता स्थान का मालिक है और सत्ता का भी कारक है। अब इस योग का फल स्पष्ट दिख रहा है की जब पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने १३ दिन भी नहीं टिक सके और इस्तीफा देकर भाग गए। दूसरी बार फिर मुख्यमंत्री बने समय बलवान होता है। सूर्य केंद्र सरकार और शुक्र अरविन्द जी शुक्र सूर्य विरोधी ग्रह है एक दूसरे के शत्रु है , दिख ही रहा है जबसे आये है नित नया झगड़ा। अब यहाँ एक और बात गौर करने बाली है , बुध शुक्र का योग आदमी अभिनेता योग साथ में बृहस्पति( अन्ना ) का सहयोग सत्ता कारक सूर्य का योग इनको दिल्ली के सत्ता के सिंघासन पर जनता ने इन्हें बिठा दिया। पर यही जनता समय आने पर। अब चौथे भाव जनता स्थान में बृहस्पति धर्म कर्म का करक शिच्छा धार्मिक जनकल्याण जैसे कार्य। अब यहाँ देखे तो सूर्य बुध गुरु आपस में मित्र है, सूर्य का साथ होने के कारण बानी कारक ग्रह बुध भी इनका साथ छोर देता है, बुध दुयस्वभाव ग्रह  और शुक्र भी सूर्य के सामने( केंद्र  )      निश्तेज हो जाता है  ,, पण्डित पंकज मिश्र  कोलकाता।     ज्योतिष सास्त्र में बिपरीत राज योग का बिस्तार से बरनन  है ,  अरविन्द जी की कुंडली में इसका इसका स्पस्ट प्रभाब ,शनि द्वादश ब्यय भाव में नीच का बैठा है ,  इन्हें निचे गिरा देगा , लोगो पे कीचड़ उछालना , और खुद भी कीचड़ में गिर परना यही कारण है की बार बार इन्हें न्यायपालिका कोर्ट कछरी का चक्कर लगाना पड़ता है , शनि का उच्च दृस्टि छटे भाव में बिपरीत राज योग बना रहा है , शनि का उच्च दृस्टि बड़े बड़े लोग ये बड़े बरे शत्रु  पैदा करेंगे और जितने बड़े सत्रु  होंगे उतना ही इनका राजनितिक पोजीसन मजबूत होगा शनि राजनीत का प्रवल कारक ग्रह है। मंगल पराक्रम स्थान में नीच का। होने से इनके कार्य प्रणाली से कुछ लोग नाराज भी हो जाते है कई बार छोटे मोठे हमले भी हो चुके है ,पर यही मंगल भाग्य स्थान को उच्च दृष्टि से देखने के कारण बहुत बड़ा जनता का सहानभूति और सपोर्ट मिलता है।  विशेष रूप से इन्हे अपने सुरच्छा पर ध्यान देना चाहिए , द्वादस में शनि नीच का और तृतीय मंगल नीच का उनको जान का खतरा कोई  रक्त पात करा सकता है अपने सुरच्छा पे ज्यादा ध्यान दे। बर्तमान में समय अच्छा अभी चल रहा है ,  गुरु का महादशा ,  कुंडली में पूर्ण कालशर्प योग भी है। शनि और मंगल लग्न के दोनों तरफ नीच का बैठा है , इस तरह का योग , श्रीमती इन्दिरा गाँधी और राजीव गाँधी के कुंडली में भी है जिसका परिणाम हम सब देख चुके हैं , बिस्फोट और गोली से इनको बहुत खतरा है , सुरक्छा पर बिशेष ध्यान दे , बिस्तार भय से इस अल्प सूछ्म बिबेचना को यही बिराम दे रहे है ,  मेरी हार्दिक सुभ कामना चिरंजीवी श्री अरविन्द जी के साथ   पंडित पंकज मिश्र , कोलकाता। 
ग्रहो के दृष्टी दशा अंतर दसा का वख्या करू तो आहूत लेख बहुत बड़ा हो  जायेगा , बिपरीत राज योग का अदभुत प्रभाब इनके कुंडली मे है / 


  1. by pandit pankaj mishra kolkata
https://www.facebook.com/astroguru.pankaj

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