बुधवार, 29 मार्च 2017

#yogi_aditya_nath #horescope #janmkundali. by #pandit_pankaj_Mishra_Astrologer_kolkata.

योगी आदित्यनाथ का जन्म 05 . 06 1972 को पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड में पंचूर ग्राम में राजपूत परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट जो की फॉरेस्ट रेंजर थे और माता का नाम साबित्री देवी है। सात भाई बहनों में इनसे बड़े तीन बहनो एक भाई के बाद इनका जन्म हुआ इनसे दो छोटे भाई है। इनके बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट था। 1977 में टिहरी  ग्राम स्कुल में सिच्छा सुरु की और 1987 में दशवी पास की। 1989 में इन्होंने ऋषिकेश भारत बिद्या मंदिर इंटरमीडिएट की परीछा पास की। 1990 में ये ग्रेजुएशन करते हुए अखिल भारतीय बिद्यार्थी परिसद से जुड़े। 1992 में इन्होंने गड़वाल बिस्वबिद्यालय से गणित में बीएससी की परीछा पास की। 1993 मे ये गोरखपुर आ गए और गोरखनाथ मंदिर के महंत से दिच्छा लेकर 1994 में पूर्ण सन्यासी बन गये. और अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्य नाथ बन गए। अब मैं इनके जन्मकुंडली के आधार पर इनके जीवन का बिश्लेशन करने का कोशिष करंगे। योगी आदित्य नाथ जी का जन्म कर्क  लग्न  और कुंभ राशि का  है । यद्यपि मिडिया मे इनकी  सिंह  लग्न  का  कुंडली  प्रचलित है  जो  इनके  जीवन  से  मेल  नही  खाती है । बहुत  अध्ययन करने पर  कर्क  लग्न  की  कुंडली  इनके  जीवन के हर क्षेत्र के  ग्रहो  का  पडाव  घटना  मेल खाता है ।
 कर्क  लग्न का  जातक  बहुत ही  भावुक  सेंटीमेंटल  ईमोशनल  होता है  । कुंभ  राशि  के  स्वामी  शनि  और  लग्न  मे केतु  सांसारिक  शुख  से  बैराज्ञ  विरक्त और   आध्यात्मिकता  के  तरफ  ले  आया । शनि का महादशा फरबरी 1983 से 2002 तक चला और शनि इनको पूर्ण सन्याशी बना दिया। शनि और राहु राजनीती का प्रवल कारक ग्रह है , शनि जनता का प्रतिनिधित्व करता है और राहु राजनीत का करक ग्रह है। 1998  मे शनि महादशा राहू अन्तरदशा में ये गोरखपुर से बीजेपी के टिकल से पहली बार महज 26 साल के उम्र में चुनाव जीत गये और सबसे युबा संसद बन गए। 25 -02 -2002 से बुध की महादशा सुरु हुइ , और अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युबाबहिनी की स्थापना की। 1998  से अबतक ये लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं लगातार 5 वार। बुध महादशा सूर्य अंतर राहु प्रत्यंर में 2008 में आजमगढ़ में इनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ पर बाल बाल बच गये। ये समय अपने आप को राजनीत में स्थापित करने का समय था कठिन संघर्ष करना परा। अब आगे देखिये अद्भुत संयोग जो ज्योतिष को नहीं मानते उनको भी मानना पड़ेगा , बुध महादशा शनि उन्तरदश बुध प्रत्यंतर में दिनांक 19 -03 -2017 रविवार को दोपहर 02 बजकर 18 मिनट जब कर्क लग्न था , योगी जी का कुंडली कर्क लग्न का है ,  उत्तरप्रदेश के 21 वे मुख्यमंत्री की सपथ ली , अब देखिये बुध लाभ स्थान में सत्ता कारक सूर्य के साथ बुद्धादित्य योग बना रहा है और बुध और सत्ता कारक ग्रह सूर्य भी   रोहिणी नछत्र में है और शनि भी रोहिणी नछत्र में है रोहिणी नछत्र का स्वामी चन्द्रमा योगी जी का लग्न का स्वामी है चन्द्र लग्न का स्वामी शनि राशि स्वामी और बुद्धादित्य योग सत्ता सुख। सत्ता तो मिल गया  लेकिन 25 -02 2019 के बाद सत्ता सम्हालना मुश्किल होगा मुख्यमंत्री का कुर्शी छीन सकता है , लग्न में केतु और द्वादश में मंगल गुप्त सत्रु द्वारा हमला , अपने सुरक्छा का बिशेष ध्यान रखना होगा। ये लेख बहुत संछिप्त में लिख रहा हु बिस्तार भय से इस लेख को यही बिराम देता हु। पंडित पंकज मिश्र कोलकाता। मिडया मे एक दुसरे  का  नकल  कर  सभी लोग एक साथ सिह लग्न  की  कुंडली  बिना  सोचे समझे  बता  रहे है जो  इनके जीवन  से मेल नही  खाता है । जोगी जी के चेहरे से साफ पता चलता है कर्क लग्न लग्न में केतू सन्याशी बना दिया केतु पशु प्रेमी बनाता है , संसद में जोगी जी बच्चो के तरह उलाहना देते हुए रोये थे ये कर्क लग्न और केतु के कारण , जीवन के सारे घटना क्रम दशा उन्तरदशा कर्क लग्न के कुंडली से पूरा मेल खाता है। पण्डित पंकज मिस्र कोलकाता।
yogi adityanath janmkundali by pandit pankaj mishra

शुक्रवार, 17 मार्च 2017

#KALSARP _DOSH.

काल सर्प योग निवारण के उपाय।
काल सर्प योग तब बनता है जब राहु और केतु के मध्य सारे ग्रह आ जाय और ग्रहो पर राहु और केतु का पूरा प्रभाव हो तो उसे काल सर्प योग कहते हैं। 
काल सर्प योग मुखयतः 12 प्रकार के होते हैं।( 1) अनन्त ( २ ) कुलिक ( 3) बासुकि ( 4 ) संखपाल ( 5) पद्म ( 6  ) महापद्म  ( 7 ) तछक (8 ) कर्कोटक (9 ) संखचूड़ (10 ) घातक (11 ) बिषधर (12 ) शेषनाग। परीक्छण से विद्वानों ने 288 प्रकार के कालसर्प योग बताये हैं। बिभिन्न तरह के कालसर्प योग का प्रभाव अलग अलग पड़ता है। बिभिन्न तरह के कालसर्प योग का प्रभाव का बरणन करू तो लेख बहुत लम्बा हो जायेगा। 
कालसर्प दोष के निबृति का उपाय ;- कालसर्प दोष से बचने के लिए कालसर्प दोष की पूजा करनी चाहिए। यह पूजा गंगा के किनारे ,शिव मंदिर में होना चाहिए , शिव का रुद्राभिषेक कराकर नागों को खोडशोपचार पूजा करानी चाहिये पूजा के बाद हवन बिधि भी जरुरी है। पूजा में 12 नाग की जरुरत होती है वह नाग चांदी,   सोना ,ताम्बे से बना हो। हवन करने के बाद इन्हें जल में प्रवाह करना चाहिए और ब्राह्मण को दान दछिणा करके , जातक को सहबस्त्र गंगा स्नान करना चाहिए , बस्त्र को गंगा घाट पर ही छोड़ देना चाहिये और नित्य कालसर्प मन्त्र का जाप करना चाहिए ये मन्त्र है ;- एक दन्ताय विद्महे बिष दन्ताय धी माहि तन्नो शर्पः प्रचोद्यात // पंडित पंकज मिस्र कोलकाता //


बुधवार, 15 मार्च 2017

#NARENDRA _MODI #HORESCOPE_Narendramodi. #janmkundali by #pandit_pankaj _ mishra #Astrologer_kolkata.

मोदी जी की जन्मकुंडली। मोदी जी का जन्म 17 सितंबर 1950 को मेहसाणा गुजरात में 12 . 09 बजे हुवा।
जन्म के समय बृश्चिक लग्न और बृश्चिक राशि था। लग्न और राशि का स्वामी मंगल है मंगल को नवग्रह में सेनापति माना गया है , मंगल द्र्ढ साहस देता है मंगल निर्भीक बनाता है ,और भरपूर ऊर्जा देता है करा निर्णय लेना मंगल का गुण है , मंगल जरुरत से ज्यादा जिद्दी साहसी और अपने बिचारो से पीछे नहीं हटने बाला , प्राण जय पर बचन न जाये ये मंगल का गुण है। मोदी जी की कुंडली में प्रतिनिधि ग्रह मंगल लग्न में स्वराशि बलबान है। कुंडली में मंगल के साथ चंद्र का युति , चन्द्रमा राजयोग कारक है ,चंद्र भाग्य स्थान का स्वामी लग्न में राजयोग तो बना रहा है ,पर चंद्रमा नीच का है ,चंद्रमामानशोजातः ,चन्द्रमा मन का करक ग्रह है जो मानषिक तनाव बिरोधियो द्वारा मिथ्या आरोप प्रपञ्च लगते रहेगें। लग्न राशि का स्वामी मंगल का लग्न में होना बैबाहिक सुख नहीं दिया। कर्म स्थान के स्वामी सूर्य  लाभ स्थान में उच्च के बुध के साथ बुद्धादित्य योग बना रहे है ,सूर्य राजकीय ग्रह है ये राज्यसत्तासुख देता है और बुध बाणी का करक ग्रह है ,बुध उच्च का होने के कारण नरेन्द्र भाई मोदी बहुत अच्छे बक्ता हैं इनके भाषणों में एक अलग प्रभाव होता है। किसी भी राजनेता को सत्ता सुख तभी मिलता है जब जनता सपोर्ट करे , ज्योतिष में जनता का बिचार चौथे भाव से किया जाता है। इस कुंडली में जनता स्थान का स्वामी शनि है और कर्म स्थान में बैठा है पर शनि अपने शत्रु राशि सूर्य के घर में है ,जनता का एक वर्ग मोदी का जल्दी भरोसा नहीं करेगा पर अंत में कोई रास्ता नहीं दिखने पर भरोसा करना पड़ेगा। गुरु शनि समसप्तक है ऐसा योग जातक को सन्याश के तरफ प्रेरित करता है , मोदी जी अपने प्रारंभिक जीवन में सन्याशी का भी जीवन बिता चुके हैं। बर्तमान में चंद्र की महादशा चल रही है जो राजयोग कारक है , 13 . 03 . 2018 से 12 . 10 . 2018 , तक समय ठीक नहीं है उस समय बिशेष स्वास्थ और सुरक्छा का ध्यान रखना पड़ेगा। वैसे भी लग्न में बलवान मंगल कभी भी घातक हमला करवा सकता है। 2027 तक मोदी का बिजय रथ आगे बढ़ता जायेगा। पंडित पंकज मिश्र कोलकाता। मित्रो बिस्तार भय से इस लेख को यही बिराम देता हु।

बुधवार, 1 मार्च 2017

सहीद की बेटी

बाप सहीद हुवा कोई नहीं जाना ,लेकिन बेटी देशद्रोहियो के बहकावे में आ गई रातो रात हीरोइन बना दी गई मिडिया द्वारा।  हमारे देश का मिडिया खास कर आजतक avp ndtv जैसे चैनल देश बिरोधी चैनल समाज में जहर घोलने के काम में लगे है इनका बिरोध होना चाहिए।